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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हो भाषा

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हो भाषा हो एक जनजाति का नाम है, हो आदिवासी झारखंड , ओडिशा , पश्चिम बंगाल और आसाम में मुख्यतः बसे हुए है। इनकी भाषा को हो -काजी कहा जाता है, यानी हो की भाषा। 1901 में हो भाषा बोलने वालों की संख्या 383,126 थी। यह भाषा उड़ीसा (अथमलिक, दासपल्ला, क्योंझर, मयूरभंज , नीलगिरि, पाल लहेरा), झारखण्ड (सरायकेला, खरसावां), छत्तीसगढ़ एवं आसाम में बोली जाती।  हो भाषा को ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा परिवार के सदस्य के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें विशेष रूप से इंडोनेशिया, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस, बर्मा और भारत के विभिन्न हिस्सों में बोली जाने वाली भाषाएं शामिल हैं। डब्ल्यू. श्मिट के एक शोध अध्ययन से पता चलता है कि भारत में मुंडा (संताली, मुंडारी, हो, खरिया और अन्य) भाषा परिवार का केंद्र दक्षिण-पूर्व एशिया में था। ईस्टर्न रूट थ्योरी या ऑस्ट्रिक थ्योरी ऑफ माइग्रेशन के अनुसार, हो संभवतः जावा, सुमात्रा, बोर्निया द्वीप (बांदादीपा) और जम्बूद्वीप (जंबूदीपा) से दक्षिण-चीन से पूर्वी मार्ग होते हुए बर्मा और असम से भारत आये था। जहां वे प्रागैतिहासिक काल में निवास करते थे। समय के साथ वे भारतीय उपमहाद्वीप...

कोल्हान दिशूम

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दुनिया में सबसे पहले समुद्र से निकला कोल्हान : दुनिया का पहला समुद्री तट है कोल्हान झारखंड की जमीन रहस्यों से भरी हुई है. भूवैज्ञानिकों यहां की जमीन पर किये गये शोध से नये खुलासे हो रहे हैं. हालिया शोध में यह खुलासा हुआ है कि झारखंड के कोल्हान में सबसे पहले धरती समुद्र से निकली थी. कुछ दिन पहले एक शोध आया की अफ्रीका नहीं झारखण्ड के कोल्हान में सबसे पहले समुद्र से निकली थी धरती ताज़ा शोध में कहा गया है की करीब 3.2 अरब साल पहले धरती पहली बार समुद्र से बाहर निकली थी और जो इलाका सबसे पहले निकला था, वह झारखण्ड का कोल्हान इलाका हो सकता है. इस ताज़ा शोध में उस व्यापक धारणा को चुनौती दी गई जिसमें जलप्रलय के बाद करीब 2.5 अरब साल पहले विभिन्न महाद्वीपों के समुद्र से निकलने के बारे में तमाम दावे किए गए थे. अमेरिका के विज्ञान के चर्चित जर्नल 'प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी आफ साईंस (पीएनएएस)' में पिछले सप्ताह प्रकाशित एक शोध के मुताबिक़, आज से 310 करोड़ साल पहले कोल्हान क्रेटोन का जन्म हुआ, यानी यह क्षेत्र पहली बार पानी से बाहर आया. इस शोध में भारतीय मूल के चार शोधकर्ता डॉ. प्र...